Wednesday, January 7, 2009

khalil gibran writes : Forget not that the earth delights to feel your bare feet and the winds long to play with your hair.

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फटे पुराने पन्नों से झाँकती ज़िंदगी

जिन उंगलियों को पकड़ कर चलना सीखा जिन कंधों पर बैठ कर दुनिया देखी आज वो उंगलियाँ बूढ़ी हो चलीं हैं और कंधे झुके-झुके से दिखते हैं उन आँखों म...